Editorial: घाटी में शुरू हो चुका शांति, विकास, संपन्नता का युग
- By Habib --
- Tuesday, 11 Jul, 2023
peace has begun in the valley
peace has begun in the valley केंद्र सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में अनुच्छेद 370 को हटाने के संबंध में दिया गया हलफनामा पूरी तरह से सच्चाई पर आधारित है। केंद्र सरकार का माननीय न्यायालय के समक्ष यह दावा सही है कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास और संपन्नता का युग शुरू हुआ है। दरअसल, इस हलफनामे के संबंध में चर्चा से पहले उस स्थिति पर गौर करना आवश्यक है, जोकि घाटी में अनुच्छेद 370 के लागू रहते होती थी। वह दौर घाटी में आतंकवाद के पोषण और उसके चरम का था, घाटी से हजारों कश्मीरी पंडित पलायन करने को मजबूर किए गए, उनकी संपत्ति छीन ली गई, उनकी हत्याएं हुई हैं।
घाटी में हिंदू समाज के लोगों को ही निशाने पर रखा गया। यहां अलगाववादी रात-दिन इसका नारा लगाते थे कि यह पूरा इलाका पाक को मिलना चाहिए। पाकिस्तान द्वारा हथियाए कश्मीर में आतंकवादियों की नर्सरी बनी हुई थी, यहां से आतंकी प्रशिक्षण लेकर भारत की सीमा में आकर आतंक फैला रहे थे। पाकिस्तान समर्थित अलगाववादियों के द्वारा अराजक तत्वों को सेना, अर्द्धसैनिक बलों, पुलिस पर पत्थरबाजी करने के लिए फंडिंग दी जाती थी। घाटी के राजनीतिक दलों के सुर भी पाक परस्त होते थे, वे हिंदू समाज के प्रति एक क्षण भर सोचना भी पाप समझते थे।
अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के दौरान बहस के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि यह सब घाटी के हालात बदल देगा। अब घाटी के संबंध में उनका दावा सच साबित हो रहा है, जम्मू-कश्मीर में अब विकास की लहर दौड़ रही है। जिस इलाके को एक समय आतंकवाद ग्रस्त समझा जाता था, आज वह सैलानियों को फिर से भाने लगी है। जिस डल झील के किनारे से गुजरते हुए भी कभी रूह कांपती थी, आज उसी डल झील में शिकारों में लोग मौसम का आनंद लेते हैं। अब अमरनाथ यात्रा बगैर विघ्न के संपन्न हो रही हैं और पूरे देश के लोग बगैर किसी रूकावट के घाटी के कोने-कोने की यात्रा पर आ रहे हैं। अब जी-20 के देशों के प्रतिनिधियों की बैठक घाटी में आयोजित की जाती है और पूरी दुनिया को यह देखने को मिलता है कि जन्नत जिसे कहा जाता है, वह सच में यही हैं।
घाटी में रोजगार, कारोबार के हालात बेहतर हुए हैं। यह सब अनुच्छेद 370 के समापन की वजह से हुआ है और इसके लिए मोदी सरकार ने जो साहस दिखाया, उसकी प्रशंसा होनी चाहिए। यह भाजपा का कोर एजेंडा था, जिसके बारे में वह प्रत्येक चुनाव के दौरान भी बात करती थी, पार्टी ने अपने इस एजेंडे को पूरा कर दिखाया, यह उसकी राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। निश्चित रूप से कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, यह देश का शीश है।
इसे भारत से अलग करके सोचना अपने आप में अपराध है। अब भाजपा सरकार के मंत्रियों की ओर से अगर गुलाम कश्मीर को भी भारत में मिलाने की बातें होती हैं, तो यह जरूरी है कि ऐसा साहस दिखाया जाए। वास्तव में भारत विकास पथ पर अग्रसर है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन ने भी भारत की बढ़त को स्वीकार कर लिया है। अब भारत के संबंध में यह राय नहीं रही है कि वह एक विकासशील देश है, बल्कि यह हो चुकी है कि वह एक प्रगतिशील देश है और उसके बगैर दुनिया में संतुलन कायम नहीं हो सकता।
यह भी कितना आश्चर्यजनक है कि मुस्लिम देश भी आज भारत का सम्मान कर रहे हैं, एक समय इन देशों ने भारत का बहिष्कार कर दिया था। लेकिन अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन्हीं देशों की ओर से अपने सर्वोच्च सम्मान प्रदान किए जा रहे हैं। यह तब है, जब पाकिस्तान अपनी ओर से पूरी ताकत लगा चुका है कि वह भारत को अपमानित करे और उसके लिए मुश्किलें कायम हों। आतंकवाद की फैक्टरी चलाने वाले पाकिस्तान की खुद आज क्या हालत हो चुकी है, यह भी पूरा विश्व देख रहा है। निश्चित रूप से अगर भारत का यही रूख आजादी के बाद से कायम रहता तो आज ऐसे हालात ही नहीं पैदा होने थे, लेकिन फिर भी समय के साथ चलते हुए अगर आज स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आ चुकी है और पाकिस्तान एवं उसके मित्र चीन को सबक सिखाया जा चुका है तो यह भी केंद्र सरकार के दृढ़ संकल्प और देश में शांति और स्थायित्व कायम करने के उसके मकसद को जाहिर करता है।
वास्तव में अनुच्छेद 370 घाटी के विकास के मार्ग में सबसे बड़ी अड़चन था, लेकिन उसे हटाकर केंद्र सरकार ने बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है। विपक्ष की ओर से इस अनुच्छेद को हटाने के संबंध में अनेक आरोप लगाए लेकिन वे आरोप अब खुद ब खुद हवा हो चुके हैं। जम्मू-कश्मीर में बदले हालात का गवाह देश का प्रत्येक नागरिक है। अब जरूरत है कि घाटी में आतंकवाद पर अंतिम प्रहार हो और यहां निर्वाचित सरकार कायम की जाए।
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